Tirupati laddu news : अपने अनोखे स्वाद के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का लड्डू प्रसादम सुर्खियों में है इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले घी की शुद्धता को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं Tirupati Laddu ingredients पर एक नजर डालते हैं पूरी जानकारी के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़े 300 साल पुरानी परंपरा इस लड्डू को पहली बार 2 अगस्त 1715 को मंदिर में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया था इस मंदिर के अधिकारियों ने तैयार करवाया था करीब 6 बदलाव के बाद आज यह अपने वर्तमान स्वरूप में है प्राचीन शिलालेखों के अनुसार लड्डू के अस्तित्व की जानकारी मिलती है
कहां मानते हैं लड्डू यह लड्डू प्रतिदिन मंदिर की रसोई में तैयार किए जाते हैं जिन्हें पोटू कहते हैं तैयारी प्रक्रिया को दिततम कहा जाता है लड्डू बनाने की प्रक्रिया में सामग्री और उनकी मात्रा को लेकर सतर्कता रखी जाती है ताकि प्रत्येक लड्डू का वजन एक समान हो खाद परीक्षण प्रयोगशाला लड्डुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करती है
कहां सभी श्रद्धालुओं की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसाद की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध
Read Also : Sanskrit Scholarship 2024 : 12 अक्टूबर से पहले विद्यार्थियों के खाते में पहुंचेगी संस्कृत छात्रवृत्ति के लिए 75% उपस्थिति में 50% अंक अनिवार्य
Tirupati laddu hindi : लड्डू बनाने में कितनी सामग्री लगती है
लड्डू बनाने में इतनी सामग्री लगती है प्रति महीने 42000 किलो घी 22500 किलो काजू 15000 किलो किशमिश 6000 इलायची
तीन आकर के लड्डू
लड्डू तीन आरोन में आते हैं छोटे मध्य और बड़े इनका वजन कम से 40 175 और 750 ग्राम होता है छोटे लड्डू मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को निशुल्क दिए जाते हैं
3 लाख लड्डू हर दिन
मंदिर में हर दिन लगभग ₹300000 लड्डू बनाकर वितरित किए जाते हैं इन लड्डुओं की बिक्री से मंदिर प्रबंधन को लगभग 500 करोड रुपए की वार्षिक आय होती है 2014 में तिरुपति लड्डू को भौगोलिक संकेत जी आई का दर्जा दिया गया था इसका मतलब है कि कोई और इस नाम से लड्डू नहीं बेच सकता है
देव स्थानम बोर्ड ने कहा लड्डू की पवित्रता अब बेदाग
Tirupati Temple : तिरुपति मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता को लेकर श्रद्धालुओं की चिंता के बीच तिरुमला तिरुपति देवस्थानम टीटीडी ने कहा कि पवित्र मिठाई की पवित्रता बहाल कर दी गई है। अब इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है तिरुमला की पहाड़ियों पर स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंध करने वाले टीटीडी नए शुक्रवार रात इंटरनेट मीडिया पर जारी पोस्ट में कहा कि सिरी बड़ी लड्डू की दिव्यता और पवित्र का अब बेदाग है
मंदिर बोर्ड ने पोस्ट में कहा कि टीटीडी सभी भक्तों की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्र की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है इस अति समृद्ध मंदिर का प्रबंध करने वाली मंदिर संस्था ने शुक्रवार को कहा की गुणवत्ता के लिए जांचे गए नमूनों में घटिया घी और लॉर्ड सूअर की चर्बी की मौजूदगी पाई गई केंद्रीय खाद एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री परलहाद जोशी ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने प्रसिद्ध तिरुपति लडडू में मिलावट के मुद्दे को गंभीरता से लिया है
और इस मामले को तार्किक निसर्ग तक ले जाया जाएगा मंत्री ने यह भी कहा कि यह आप तब सामने आया जब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम टीटीडी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के नंदिनी जी का उपयोग बंद कर दिया केंद्र ने आंध्र प्रदेश सरकार से मामले पर रिपोर्ट मांगी है और जांच के बाद उचित कार्रवाई का वादा किया
उधर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि सरकार तिरुपति के लड्डू में पशु बस की मिलावट के आरोपी के बाद भविष्य के लिए माथा धैसो संतो पुजारी और अन्य शीर्ष हिंदू धर्म विशेषज्ञों से परामर्श करेगी पवित्रता से कोई समझौता किसी सूरत में नहीं किया जाएगा हाल ही में एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान नायडू ने दावा किया कि पिछली ysrcp सरकार में तिरुपति लड्डुओं को बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु बस का इस्तेमाल किया गया