PM Asha Yojana 2024 : भारत सरकार ने 2024-25 के रबी सीजन के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों पर 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को सस्ती फसल पोषक तत्व मिलें। यह सब्सिडी अप्रैल 2020 से प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी PM Asha Yojana के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
PM Asha Yojana : प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान
एनपीके उर्वरकों (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) के लिए 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी आवंटित करने को मंजूरी दी गई है। सरकार ने दुनिया भर में आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और वैश्विक कीमतों से किसानों को अप्रभावित रखने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। मंत्रिमंडल ने पोषक तत्व आधारित सब्सिडी आवंटित करने का यह फैसला विशेष रूप से मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन में संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों से किसानों को अप्रभावित रखने के लिए लिया है।
विवरण | जानकारी |
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योजना का नाम | प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM Asha Yojana) |
मुख्य उद्देश्य | किसानों को सस्ते फसल पोषक तत्व प्रदान करना |
सब्सिडी आवंटन | 24,474.53 करोड़ रुपये की सब्सिडी फॉस्फेटिक और पोटासिक उर्वरकों पर |
उर्वरक श्रेणियाँ | NPK उर्वरक (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) |
निर्णय का कारण | वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और कीमतों में वृद्धि से किसानों की रक्षा |
भंडारण पर खर्च | 35,000 करोड़ रुपये मूल्य को नियंत्रित करने और उतार-चढ़ाव थामने हेतु |
कुल खर्च | 60,000 करोड़ रुपये |
सब्सिडी की शुरुआत | अप्रैल 2020 से प्रभावी पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (PM Asha Yojana के अंतर्गत) |
कैबिनेट का निर्णय | रबी फसल 2024 के लिए सब्सिडी दरों को तर्कसंगत बनाने का निर्णय |
समय सीमा | 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान 2025-26 तक |
मंत्रालय | रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय |
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प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (आशा) योजना की शुरुआत के साथ ही केंद्र सरकार ने किसानों के हित में दो बड़े फैसलों को मंजूरी दी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों ने अपनी उपज के दाम के बारे में जानकारी दी।
उपभोक्ताओं को राहत देने के प्रयासों के तहत पीएम आशा योजना को जारी रखने का निर्णय लिया गया है. इस पर 35 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जो मूल्य को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी. इन पैसों को 15वें वित आयोग के दौरान 2025-26 तक भंडारण पर खर्च किया जाएगा, जो किसी फसल के अधिक उत्पादन से कीमतों में उतार चढ़ाव को रोकेगा।
कैबिनेट ने रबी फसल सन 2024 के लिए फास्फेटिक और पोटाश पीएडके पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की दरें तय करने के लिए उद्देश्य से रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है इस पर 24,475 करोड रुपए खर्च होंगे इससे उर्वरकों के मूल्य मैं हालिया रुझान को देखते हुए फास्फेटिक एवं पोटाश उर्वरकों पर सब्सिडी को तर्कसंगत बनाया जाएगा सरकार उर्वरक कंपनियों एवं आयातको के जरिए किसानों को रियायती दरों पर 2010 से ही 28 ग्रेड के पीएडको उर्वरक उपलब्ध करा रही है